परिचय
आधे ग्लास से भरा मेरा परिचय
कभी लुढ़कता कभी छलकता मेरा परिचय
किसी की उम्मीद तो किसी के जीने का सहारा
नाकामयाब हर डगर पे मचलता मेरा परिचय
कभी किसी का साथ खोकर कभी किसी के साथ होकर
आज अकेला है फिर खड़ा बदलता मेरा परिचय
चाहे कहाँ बोल जिंदगी तेरे गोल सफ़र पे सूखे पत्ते सा पूछ रहा
डगमगाता मेरा परिचय
खुद को ढूंढते कहीं खुद में ना खो जाएँ आज
जो न मिला मुझसे मेरा परिचय
आधे ग्लास से भरा छलकता मेरा परिचय
---प्रियंका भसीन
कभी लुढ़कता कभी छलकता मेरा परिचय
किसी की उम्मीद तो किसी के जीने का सहारा
नाकामयाब हर डगर पे मचलता मेरा परिचय
कभी किसी का साथ खोकर कभी किसी के साथ होकर
आज अकेला है फिर खड़ा बदलता मेरा परिचय
चाहे कहाँ बोल जिंदगी तेरे गोल सफ़र पे सूखे पत्ते सा पूछ रहा
डगमगाता मेरा परिचय
खुद को ढूंढते कहीं खुद में ना खो जाएँ आज
जो न मिला मुझसे मेरा परिचय
आधे ग्लास से भरा छलकता मेरा परिचय
---प्रियंका भसीन