जिन्दगी
ये रौशनी का चेहरा
है या
फिर अँधेरे की कोई साजिश
ये मंजिलों की आहट है
या थके हुए क़दमों की दास्ताँ
ये बेचैनियों से लिपटी हुई
रातें है
या
जिन्दगी का कोई नया बहाना
ये सुनहरे ख्वाबों की शक्ल में
परिंदों का झुण्ड है
या कोई
किस्सा पुराना
है या
फिर अँधेरे की कोई साजिश
ये मंजिलों की आहट है
या थके हुए क़दमों की दास्ताँ
ये बेचैनियों से लिपटी हुई
रातें है
या
जिन्दगी का कोई नया बहाना
ये सुनहरे ख्वाबों की शक्ल में
परिंदों का झुण्ड है
या कोई
किस्सा पुराना