सरस्वती वंदना
अधर हास करतल वर वीणा हंस वाहिनी परम प्रवीणा ।
श्वेत अंबरे परे शुद्धि दे, अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
भावक सर विश्वासक शतदल,
पर पसरल श्रद्धास्पद परिमल,
हस्त स्फटिक माल मनोहर
सहज तपस्विनी आत्म शुद्धि दे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
आसीना कल्पना हंस पर
पद सौन्दर्यक पंक वंश पर
व्योम नायिके कथा गायिके
हरू हमरो कुण्ठाबरूद्धि हे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
सींचू ज्ञान कमंडल जल सँ
पोंछू माँ प्रेमक आंचल सँ
उक्ति द्वार पर रसाहार
करबू त्यागू युग युगक क्रुद्धि हे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
श्वेत अंबरे परे शुद्धि दे, अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
भावक सर विश्वासक शतदल,
पर पसरल श्रद्धास्पद परिमल,
हस्त स्फटिक माल मनोहर
सहज तपस्विनी आत्म शुद्धि दे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
आसीना कल्पना हंस पर
पद सौन्दर्यक पंक वंश पर
व्योम नायिके कथा गायिके
हरू हमरो कुण्ठाबरूद्धि हे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।
सींचू ज्ञान कमंडल जल सँ
पोंछू माँ प्रेमक आंचल सँ
उक्ति द्वार पर रसाहार
करबू त्यागू युग युगक क्रुद्धि हे
अपरे परमेश्वरि सुबुद्धि दे ।