सौन्दर्य-बोध
गाड़ीक खिड़कीसँ
आकाशक एक कतार देखाइत अछि
ताहि में चाँद उगि रहल अछि
सूर्यक रक्तवर्ण किरिन ओंघड़ाइत पड़ाइत अबैत अछि
फेर रंग बदलैछ
पहिने संतोला,तखन,सोनाक वर्ण
जेना आकाशक भट्टीमें कालदेवता क्षणक भाथीसँ
लोह धिपबैत हो |
चानक रंग बदलैछ
प्रतिक्षण नबका चान
हम रोकि नहि सकैत छी विकासकें
आ,रोकब होयत एक टा कुरूप अभिलाष
अगिला क्षणक सौंदर्यसँ वंचिते ने रहि जायब ?
चान कखनो मलमली कुहेसमे रहैछ
कखनो मेघक क्वार्टरमें संहिया जाइछ
कखनो आकाशक पलङपर
नाङट वेश्या-सन पडल रहैछ
मोहक आ अश्लील |
तैयो हमरा चान बासि फूल बुझाइत अछि
काल्ही फेर उगत ई चान –
एहिना! पडिबाकें जनमत पूर्णिमाकें बहसत
आ अमाक छौरझप्पीमे दबा जायत |
बेस |
चान तखन नीक अछि नीके रहैत
मुदा,प्रतिमास,प्रतिवर्ष आ प्रतिदिन
वैह आवृति,आ वैह चान!
आवृतिदास चान |
आवृति थिक वेश्याक दैनिक सोहागाक सेज !
गोली मार चानकें
बासी फूलक ढेरीकें
आ हम गाड़ी में
खीरकीक पल्ला खसा दैत छी
आकाशक एक कतार देखाइत अछि
ताहि में चाँद उगि रहल अछि
सूर्यक रक्तवर्ण किरिन ओंघड़ाइत पड़ाइत अबैत अछि
फेर रंग बदलैछ
पहिने संतोला,तखन,सोनाक वर्ण
जेना आकाशक भट्टीमें कालदेवता क्षणक भाथीसँ
लोह धिपबैत हो |
चानक रंग बदलैछ
प्रतिक्षण नबका चान
हम रोकि नहि सकैत छी विकासकें
आ,रोकब होयत एक टा कुरूप अभिलाष
अगिला क्षणक सौंदर्यसँ वंचिते ने रहि जायब ?
चान कखनो मलमली कुहेसमे रहैछ
कखनो मेघक क्वार्टरमें संहिया जाइछ
कखनो आकाशक पलङपर
नाङट वेश्या-सन पडल रहैछ
मोहक आ अश्लील |
तैयो हमरा चान बासि फूल बुझाइत अछि
काल्ही फेर उगत ई चान –
एहिना! पडिबाकें जनमत पूर्णिमाकें बहसत
आ अमाक छौरझप्पीमे दबा जायत |
बेस |
चान तखन नीक अछि नीके रहैत
मुदा,प्रतिमास,प्रतिवर्ष आ प्रतिदिन
वैह आवृति,आ वैह चान!
आवृतिदास चान |
आवृति थिक वेश्याक दैनिक सोहागाक सेज !
गोली मार चानकें
बासी फूलक ढेरीकें
आ हम गाड़ी में
खीरकीक पल्ला खसा दैत छी