।।सिपाही देखैए आमक गाछ।।
सिपाही जखन देखैए आमक गाछ
तं केहन असर्ध लगैए
आमक गाछ पर मधुमाछीक डेरा नहि
जे सिपाही कें हो मधु उतारबाक लोभ।
आमक गाछ पर आम नहि फडल
जे रैयत सं मंगनी करबाक वा दफानि लेबाक
बनबैत हो योजना।
आमक गाछ पर बानर नहि लटकल
जे तकर देखैत हो लीला
आ बजरंगी के जयकार उचारैत हो।
तखन किए सिपाही देखत आमक गाछ?
बरदी-टोपी पहिरने
हाथ मे डंटा सम्हारने
ई मरदे सिपाही?
आमक गाछ?
जागह हौ बाबू जोगीलाल, जागह
आइ सिपाही तोहर आमक गाछ देखि गेलहु-ए।
तं केहन असर्ध लगैए
आमक गाछ पर मधुमाछीक डेरा नहि
जे सिपाही कें हो मधु उतारबाक लोभ।
आमक गाछ पर आम नहि फडल
जे रैयत सं मंगनी करबाक वा दफानि लेबाक
बनबैत हो योजना।
आमक गाछ पर बानर नहि लटकल
जे तकर देखैत हो लीला
आ बजरंगी के जयकार उचारैत हो।
तखन किए सिपाही देखत आमक गाछ?
बरदी-टोपी पहिरने
हाथ मे डंटा सम्हारने
ई मरदे सिपाही?
आमक गाछ?
जागह हौ बाबू जोगीलाल, जागह
आइ सिपाही तोहर आमक गाछ देखि गेलहु-ए।