अली सरदार जाफरी
जन्म - २९ नवम्बर,१९१३ को बलरामपुर (उ.प्र ) में |
शिक्षा- बलरामपुर,लखनऊ,और दिल्ली में |
अली सरदार जाफरी का लेखकीय जीवन १९३८ में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह मंजिल से आरम्भ हुआ | एक शायर के रूप में श्री जाफरी १९४३ में प्रकाशित अपनी प्रथम काव्य-कृति परवाज से प्रतिष्ठित हुए |
उनके 11 काव्य संकलन ,२ नाटक, १ कहानी संग्रह ,१ संस्मरण रिपोर्ताज और ३ विवेचना निबंध संग्रह प्रकाशित हुए हैं | श्री जाफरी छह खण्डों में पूरा होने वाले महत्वपूर्ण उर्दू काव्य कोष के संपादन में वर्षों संलग्न रहे | गीतकार के रूप में उनके महत्वपूर्ण काम शामिल हैं -धरती के लाल(1946) और परदेसी (1957)
१९४८ से१९७८ के बीच ,उन्होंने आठ कविता संग्रह, जिसमें शामिल नई दुनिया को सलाम (1948),
खून की लकीर, अमन का सितारा, एशिया जाग उठा(1951), पत्थर की प्रकाशित दीवार (1953), एक ख्वाब और पैरहन -इ -शरार(1965), और लहू पुकारता है(1965), अवध खाक -इ -हसीन की, सुभे फर्दा , मेरा सफर (मेरी यात्रा) और पिछले सरहद, (जो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अपने लाहौर बस यात्रा पर साथ ले गए) के रूप में प्रकाशित हुई | उनकी कई प्रमुख रचनाये अन्य भारतीय भाषाओँ सहित विश्व की कई भाषाओँ में अनुदित हो चुकी है |
फिराक गोरखपुरी (१९६९) और कुर्रतुलैन हैदर (१९८९) के पश्चात् वो तृतीय उर्दू कवी थे जिन्हें ज्ञानपीठ पुरष्कार (१९९७) मिला
१९६७ में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया , (1978) में उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा इकबाल की पढाई के लिए गोल्ड मेडल दिया गया
इसके बाद उन्हें उनकी कविता के लिए उत्तर प्रदेश उर्दू अकादेमी अवार्ड , मखदूम अवार्ड , फैज़ अहमद फैज़ अवार्ड , मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इकबाल सम्मान और महाराष्ट्र सर्कार द्वारा संत द्यानेश्वर अवार्ड प्रदान किया गया .
1 अगस्त 2000 को मुंबई में इनका देहांत हुआ , और 2001 में उनकी पहली बरसी पर एक किताब"अली सरदार जाफरी - द यूथफुल बोटमेन ” जरी की गई
जन्म - २९ नवम्बर,१९१३ को बलरामपुर (उ.प्र ) में |
शिक्षा- बलरामपुर,लखनऊ,और दिल्ली में |
अली सरदार जाफरी का लेखकीय जीवन १९३८ में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह मंजिल से आरम्भ हुआ | एक शायर के रूप में श्री जाफरी १९४३ में प्रकाशित अपनी प्रथम काव्य-कृति परवाज से प्रतिष्ठित हुए |
उनके 11 काव्य संकलन ,२ नाटक, १ कहानी संग्रह ,१ संस्मरण रिपोर्ताज और ३ विवेचना निबंध संग्रह प्रकाशित हुए हैं | श्री जाफरी छह खण्डों में पूरा होने वाले महत्वपूर्ण उर्दू काव्य कोष के संपादन में वर्षों संलग्न रहे | गीतकार के रूप में उनके महत्वपूर्ण काम शामिल हैं -धरती के लाल(1946) और परदेसी (1957)
१९४८ से१९७८ के बीच ,उन्होंने आठ कविता संग्रह, जिसमें शामिल नई दुनिया को सलाम (1948),
खून की लकीर, अमन का सितारा, एशिया जाग उठा(1951), पत्थर की प्रकाशित दीवार (1953), एक ख्वाब और पैरहन -इ -शरार(1965), और लहू पुकारता है(1965), अवध खाक -इ -हसीन की, सुभे फर्दा , मेरा सफर (मेरी यात्रा) और पिछले सरहद, (जो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अपने लाहौर बस यात्रा पर साथ ले गए) के रूप में प्रकाशित हुई | उनकी कई प्रमुख रचनाये अन्य भारतीय भाषाओँ सहित विश्व की कई भाषाओँ में अनुदित हो चुकी है |
फिराक गोरखपुरी (१९६९) और कुर्रतुलैन हैदर (१९८९) के पश्चात् वो तृतीय उर्दू कवी थे जिन्हें ज्ञानपीठ पुरष्कार (१९९७) मिला
१९६७ में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया , (1978) में उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा इकबाल की पढाई के लिए गोल्ड मेडल दिया गया
इसके बाद उन्हें उनकी कविता के लिए उत्तर प्रदेश उर्दू अकादेमी अवार्ड , मखदूम अवार्ड , फैज़ अहमद फैज़ अवार्ड , मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इकबाल सम्मान और महाराष्ट्र सर्कार द्वारा संत द्यानेश्वर अवार्ड प्रदान किया गया .
1 अगस्त 2000 को मुंबई में इनका देहांत हुआ , और 2001 में उनकी पहली बरसी पर एक किताब"अली सरदार जाफरी - द यूथफुल बोटमेन ” जरी की गई