आफिसिअल समोसों पर पलनेवाले चूहे
आफिसिअल समोसों परपलनेवाले चूहे
मालिक के आलू के बोरों को काटते हुए
सोचते हैं कि दांत पजाते वर्षों हो गये
पर अपने सेठ का कुछ बिगड़ता नहीं
परकोटों पर पंख खुजाती चिड़ियों का संवादउन्हें
जरा नहीं भाताकि परिवर्तन मेंकोई रुचि नहीं
उनकीकि जाने क्या खाती हैं ससुरीकि दो जहानों की सैर कर आती हैं
एक हम हैं कि नालियों के रास्ते सुरंग बनातेउमर बीत गई
तमाम गोदामों में अंतर्जाल बना डाला सुराखों के इतने गुप्त संवाद किये
पर मायूसी लटकती रही हमारे चेहरों परबारह मासा और ये हैं कि बस चहचहाती
फिरती हैं दसों दिसाओं में …मूर्खायें .
मालिक के आलू के बोरों को काटते हुए
सोचते हैं कि दांत पजाते वर्षों हो गये
पर अपने सेठ का कुछ बिगड़ता नहीं
परकोटों पर पंख खुजाती चिड़ियों का संवादउन्हें
जरा नहीं भाताकि परिवर्तन मेंकोई रुचि नहीं
उनकीकि जाने क्या खाती हैं ससुरीकि दो जहानों की सैर कर आती हैं
एक हम हैं कि नालियों के रास्ते सुरंग बनातेउमर बीत गई
तमाम गोदामों में अंतर्जाल बना डाला सुराखों के इतने गुप्त संवाद किये
पर मायूसी लटकती रही हमारे चेहरों परबारह मासा और ये हैं कि बस चहचहाती
फिरती हैं दसों दिसाओं में …मूर्खायें .