भूख बँटे पर
भूख बँटे
पर, जिजीविषा की प्यास
नहीं बाँटूंगा
गर्दन भी काटूंगा
केवल घास नहीं काटूंगा।
निम्बू जैसा ही निचोड़ करपिया हमारा ख़ूननफ़रत की भाषा में लिखकरमज़हब के मज़मूनबाँटूंगा हर ज़ख़्म
फ़कत अहसास नहीं बाँटूंगा।
उपजाऊ धरती परउसने ही खींचा मेड़और उसी के कब्ज़े में हैजंगल का हर पेड़बाँटूंगा अंधियारा
महज प्रकाश नहीं बाँटूंगा।
फूलों की चमड़ि उदारतितली की काटी पाँखचालाकी से छीनी हैउसने कुणाल की आँखबदलूंगा भूगोल
सिर्फ़ इतिहास नहीं बाँटूंगा
अगर नीम के पत्तों कातीखापनजाए जागटैंक, मिसाइल, बम कोलीलेगी भूसी की आगगोलबंद हो रही
हवा उन्चास नहीं बाँटूंगा
काटूंगा गर्दन भी
केवल घास नहीं काटूंगा।
पर, जिजीविषा की प्यास
नहीं बाँटूंगा
गर्दन भी काटूंगा
केवल घास नहीं काटूंगा।
निम्बू जैसा ही निचोड़ करपिया हमारा ख़ूननफ़रत की भाषा में लिखकरमज़हब के मज़मूनबाँटूंगा हर ज़ख़्म
फ़कत अहसास नहीं बाँटूंगा।
उपजाऊ धरती परउसने ही खींचा मेड़और उसी के कब्ज़े में हैजंगल का हर पेड़बाँटूंगा अंधियारा
महज प्रकाश नहीं बाँटूंगा।
फूलों की चमड़ि उदारतितली की काटी पाँखचालाकी से छीनी हैउसने कुणाल की आँखबदलूंगा भूगोल
सिर्फ़ इतिहास नहीं बाँटूंगा
अगर नीम के पत्तों कातीखापनजाए जागटैंक, मिसाइल, बम कोलीलेगी भूसी की आगगोलबंद हो रही
हवा उन्चास नहीं बाँटूंगा
काटूंगा गर्दन भी
केवल घास नहीं काटूंगा।