किसलय फूटी
सूखे तरू में किसलय फूटी
बच्चों के लाल अधर जैसी
मुस्काते गुलमोहर जैसी
फूली है संजीवन बूटी
हरियाली की पायल छनकी
अँखुआयीं यादें बचपन की
सपनों की चिर तन्द्रा टूटी
अब जीवन आँखें खोलेगा
मिहनत की जेब टटोलेगा
जो गयी सदा छल से लूटी।
बच्चों के लाल अधर जैसी
मुस्काते गुलमोहर जैसी
फूली है संजीवन बूटी
हरियाली की पायल छनकी
अँखुआयीं यादें बचपन की
सपनों की चिर तन्द्रा टूटी
अब जीवन आँखें खोलेगा
मिहनत की जेब टटोलेगा
जो गयी सदा छल से लूटी।