लघु दीप
हम लघु दीपों के समान ही
जले ज्योति ले
और ज्योति से ज्योति मिला कर
रहे जागते
क्षण-क्षण के संशय संभ्रम
जो मिले सामने
वो हम सब से पराभूत हो
रहे भागते
आत्म निशा के अँधकार के
अंतराल में
हम सुषमा के प्रमुदित सपने
रहे पालते
बुझने से पहले
प्रयाण करने से पहले
शुभागमन हम
सूर्योदय का रहे साजते
जले ज्योति ले
और ज्योति से ज्योति मिला कर
रहे जागते
क्षण-क्षण के संशय संभ्रम
जो मिले सामने
वो हम सब से पराभूत हो
रहे भागते
आत्म निशा के अँधकार के
अंतराल में
हम सुषमा के प्रमुदित सपने
रहे पालते
बुझने से पहले
प्रयाण करने से पहले
शुभागमन हम
सूर्योदय का रहे साजते