मोन
रोकि ली ,
इच्छा अछी
छन-छन बढैत ही -धड़कनकें|
भावुक सन छनकें हम
भट्टी मे झोंकी दी |
किन्तु
हाथ पैर शिथिल अछी
बान्हल हो
मोन भरिक जाँत जेना
भारी अछी
चंचल अछी
मोन हमर
तखन की संभव जे
निकुती पर जोखी ली ?
इच्छा अछी
छन-छन बढैत ही -धड़कनकें|
भावुक सन छनकें हम
भट्टी मे झोंकी दी |
किन्तु
हाथ पैर शिथिल अछी
बान्हल हो
मोन भरिक जाँत जेना
भारी अछी
चंचल अछी
मोन हमर
तखन की संभव जे
निकुती पर जोखी ली ?