निर्मला
प्रेमचन्द्र की गणना हिन्दी के निर्माताओं में की जाती है। कहानी और उपन्यास के क्षेत्रों में उन्होंने पहली सफल रचनाएँ दीं जो गुण तथा आकार दोनों दृष्टियों से अन्यतम हैं।
प्रेमचन्द्र के जिन उपन्यासों ने साहित्य के मानक स्थापित किए, उनमें निर्मला बहुत आगे माना जाता है। इसमें हिन्दू समाज में स्त्री के स्थान का सशक्त चित्रण किया गया है। इस पर बना दूरदर्शन का सीरियल भी बहुत लोकप्रिय हुआ है।
प्रेमचन्द का यह उपन्यास ‘‘निर्मला’’ छोटा होते हुए भी उनके प्रमुख उपन्यासों में गिना जाता है। इसका प्रकाशन आज से लगभग 65 साल पहले 1925 में हुआ था। इस उपन्यास में उन्होंने दहेज प्रथा तथा बेमेल विवाह की समस्या उठाई है और बहुसंख्यक मध्यमवर्गीय हिन्दू समाज के जीवन का बड़ा यथार्थवादी मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है।
प्रस्तुतहै - प्रेमचंद का प्रसिद्ध उपन्यास - निर्मला
प्रेमचन्द्र के जिन उपन्यासों ने साहित्य के मानक स्थापित किए, उनमें निर्मला बहुत आगे माना जाता है। इसमें हिन्दू समाज में स्त्री के स्थान का सशक्त चित्रण किया गया है। इस पर बना दूरदर्शन का सीरियल भी बहुत लोकप्रिय हुआ है।
प्रेमचन्द का यह उपन्यास ‘‘निर्मला’’ छोटा होते हुए भी उनके प्रमुख उपन्यासों में गिना जाता है। इसका प्रकाशन आज से लगभग 65 साल पहले 1925 में हुआ था। इस उपन्यास में उन्होंने दहेज प्रथा तथा बेमेल विवाह की समस्या उठाई है और बहुसंख्यक मध्यमवर्गीय हिन्दू समाज के जीवन का बड़ा यथार्थवादी मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है।
प्रस्तुतहै - प्रेमचंद का प्रसिद्ध उपन्यास - निर्मला