मनुपुत्र,दिगंबर
समुद्रक कछारमें
सितुआक पीठपर
तरंगित रेखाक बहुरंगी आइपन,हल्लुक !
ऊपर अउन्हल आकाश
निबिड़-नील !
नीचां श्याम सलिल वारुणी सृष्टि !
सभ किच्छु बिसरि
तिरोहित कए सभ किच्छु
- अवचेतन मध्य
रहताह ठाड़ मनुपुत्र ,दिगंबर
ने जानि कती काल
पश्चिमाभिमुख !
सितुआक पीठपर
तरंगित रेखाक बहुरंगी आइपन,हल्लुक !
ऊपर अउन्हल आकाश
निबिड़-नील !
नीचां श्याम सलिल वारुणी सृष्टि !
सभ किच्छु बिसरि
तिरोहित कए सभ किच्छु
- अवचेतन मध्य
रहताह ठाड़ मनुपुत्र ,दिगंबर
ने जानि कती काल
पश्चिमाभिमुख !