।।जाति-धरम के गीत।।
यौ भाइजी किए लडै छी जाति-धरम के नाम पर
घुरियौ अप्पन ठाम पर।
एक्के चान,सुरुज आ तारा
एक्के धरती मांक सहारा
जल मे किसिम-किसिम के मोती
लेकिन, एक्के कूल-किनारा
भाइजी, एके बात लागू छै अल्ला-राम पर।।
जेहने हमरा मुंह के बोली
तेहने बहिना तूं हमजोली
दिल मे प्रीत हमर जै रॅग के
तेहने तोर हृदय के होली
बहिना, ताजिनगी हम रहब संगहि अइ धाम पर।।
सबके मिलने धरती सुन्दर
सबके टुटने चालि छुछुन्दर
धारा अलग बहय तॅ नदिया
सब मिलि जाय तॅ बनय समुन्दर
भाइजी अतमा देखू, जुनि भरमाबू चाम पर।।
घुरियौ अप्पन ठाम पर।
एक्के चान,सुरुज आ तारा
एक्के धरती मांक सहारा
जल मे किसिम-किसिम के मोती
लेकिन, एक्के कूल-किनारा
भाइजी, एके बात लागू छै अल्ला-राम पर।।
जेहने हमरा मुंह के बोली
तेहने बहिना तूं हमजोली
दिल मे प्रीत हमर जै रॅग के
तेहने तोर हृदय के होली
बहिना, ताजिनगी हम रहब संगहि अइ धाम पर।।
सबके मिलने धरती सुन्दर
सबके टुटने चालि छुछुन्दर
धारा अलग बहय तॅ नदिया
सब मिलि जाय तॅ बनय समुन्दर
भाइजी अतमा देखू, जुनि भरमाबू चाम पर।।