किसुन संकल्प लोक
  • होम
  • हमारे बारे में
  • रचनाएँ
    • कवियों की सूची >
      • रामकृष्ण झा 'किसुन' >
        • मनुक्ख जिबेत अछि
        • जिनगी : चारिटा द्रिष्टिखंड
        • उग रहा सूरज …
        • ‘किसुन जी’ क दृष्टि आ मूल्य-बोध
        • मृत्यु
      • राजकमल चौधरी >
        • प्रवास
        • वयः संधि , द्वितीय पर्व
        • द्रौपदी सँ विरक्ति
        • अर्थ तंत्रक चक्रव्यूह
        • तुम मुझे क्षमा करो
        • पितृ-ऋण
        • जेठ मास का गीत
        • कोशी-किनारे की सांझ
        • राजकमल चौधरी की मैथिली कविताएं : गांव के बार&
      • नंदिनी पाठक >
        • दिल की जमीं
        • अथक प्रयास
        • स्नेह सुगंध
        • स्नेह
        • भीर भावना क़ी
        • प्रकाशित आत्मा
        • नेपथ्य
        • जिन्दगी शहर की
        • छीटे मनोरथ के
        • आसमा से
        • धृष्टता
        • गवाही
        • अग्निदीक्षा
        • उपेक्षा
        • उसड़ संगति
      • आर.सी. प्रसाद सिंह >
        • जीवन
        • तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार
        • जीवन का झरना
        • नए जीवन का गीत
        • चाँद को देखो
      • प्रो. मायानंद मिश्र >
        • आस्था
        • युग वैषम्य
        • हे आबेबला युग
        • मानवता
        • साम्राज्यवाद
      • अनुप्रिया >
        • अकेला बूढा
        • वजूद तुम्हारा
        • एक बार मुस्कुराना
        • डाकिया
        • कौन
        • अधूरा सपना
        • तुम
        • मेरी कहानी
        • प्रेम
        • घर में शब्द
        • उन्मुक्त
        • तुम
        • डायरी
        • देह
        • भगजोगनी
        • बेनाम पते की चिट्ठियां
        • पैबंद लगे सपने
        • माएं
        • बिरवा
        • क्यूँ
        • एक पिता
        • उम्मीद
        • अपने ही विरुद्ध
        • तुम्हारे इंतजार में
        • कौन हो तुम
        • मेरा मन
        • मैं और तुम
        • जाने क्यूँ >
          • अधूरे सवाल
        • अन्धकार
        • सूरज
        • कौन
        • जिन्दगी
        • मेरा अकेलापन
        • मेरी आहटें
        • तुम और मैं
      • जीवकांत >
        • इजोरियामे नमरल आर्द्रांक मेघ
        • सीमा
        • परिवार
        • सौन्दर्य-बोध
      • डा. गंगेश गुंजन >
        • आत्म परिचय : युवा पुरुष
        • अनुपलब्ध
        • पीड़ा
        • बंधु चित्र
        • एक टा कविता
        • गोबरक मूल्य
      • नचिकेता >
        • भूख बँटे पर
        • दरख्तों पर पतझर
        • जेहन में
        • खुले नहीं दरवाज़े
        • किसलय फूटी
        • कमरे का धुआँ
        • उमंगों भरा शीराज़ा
      • नामवर सिंह >
        • दोस्त, देखते हो जो तुम
        • कोजागर
        • पंथ में सांझ
        • धुंधुवाता अलाव
        • विजन गिरिपथ पर चटखती
        • पारदर्शी नील जल में
      • बाबा नागार्जुन >
        • नवतुरिए आबओं आगाँ
        • आन्हर जिन्दगी !
        • मनुपुत्र,दिगंबर
        • छीप पर राहऔ नचैत
        • बीच सड़क पर
        • जी हाँ , लिख रहा हूँ
        • सच न बोलना
        • यह तुम थीं
      • रामदेव झा >
        • मोन
        • निर्जल मेघ
        • फोटोक निगेटिव
        • काल-तुला
      • कुमार मुकुल >
        • सफेद चाक हूं मैं
        • हर चलती चीज
        • सोचना और करना दो क्रियाएं हैं
        • लड़की जीना चाहती है
        • प्‍यार – दो कविताएं
        • गीत
        • मैं हिन्‍दू हूँ
        • महानायक
        • बना लेगी वह अपने मन की हंसी
        • हमें उस पर विश्‍वास है
        • दिल्ली में सुबह
        • ज़िन्दगी का तर्जुमा
        • वॉन गॉग की उर्सुला
        • जो हलाल नहीं होता
        • न्यायदंड
        • मेरे रक्‍त के आईने में
        • पिता
        • समुद्र के ऑसू
        • यतीमों के मुख से छीने गये दूध के साथ…
        • बेचैन सी एक लड़की जब झांकती है मेरी आंखों मे&
        • कि अकाश भी एक पाताल ही है – कथा कविता
        • पूरबा हवा है यह
        • मनोविनोदिनी >
          • मनोविनोदिनी-1
          • मनोविनोदिनी-2
        • कवि रिल्‍के के लिये
        • आफिसिअल समोसों पर पलनेवाले चूहे
        • तुम्‍हारी उदासी के कितने शेड्स हैं विनायक ì
        • मुझे जीवन ऐसा ही चाहिए था…
      • तारानंद वियोगी >
        • ।।बुढबा नेता ।।
        • ।।बेबस जोगी ।।
        • ।।घर ।।
        • ।।कः कालः।।
        • ।।स्त्रीक दुनिञा।।
        • यात्रीजी की वैचारिकता
        • परम्परा आ लेखक – डॉ० तारानन्द वियोगी
        • मृतक-सम्मान
        • ककरा लेल लिखै छी
        • सुग्गा रटलक सीताराम
        • मेरे सीताराम(मैथिली कहानी)
        • नागार्जुन की संस्कृत कविता – तारानन्द विय
        • ।।गोनू झाक गीत।।
        • ।।जाति-धरम के गीत।।
        • ।।भैया जीक गीत।।
        • ।।मदना मायक गीत।।
        • गजल – तारानन्द वियोगी
        • गजल
        • केहन अजूबा काज
        • तारानन्द वियोगीक गजल
        • मैथिली कविता ।। प्रलय-रहस्य ।।
        • ।।प्रलय-रहस्य।।
        • ।।धनक लेल कविक प्रार्थना।।
        • ।।बुद्धक दुख॥
        • ।।गिद्धक पक्ष मे एकटा कविता।।
        • ।।विद्यापतिक डीह पर।।
        • ।।पंचवटी।।
        • ।।घरबे।।
        • ।।रंग।।
        • ।।संभावना।।
        • ।।सिपाही देखैए आमक गाछ।।
        • ।।जै ठां भेटए अहार ।।
        • ।।ककरा लेल लिखै छी ॥
        • ।।स्त्रीक दुनिञा।।
        • ।।घर ।।
      • रामधारी सिंह दिनकर >
        • मिथिला
        • परिचय
        • समर शेष है
        • परशुराम की प्रतीक्षा
        • परशुराम की प्रतीक्षा
        • परशुराम की प्रतीक्षा
        • रश्मिरथी – सप्तम सर्ग
        • रश्मिरथी -पंचम सर्ग
        • रश्मिरथी-चतुर्थ सर्ग
        • रश्मिरथी-तृतीय सर्ग
        • रश्मिरथी-द्वितीय सर्ग
        • रश्मिरथी – प्रथम सर्ग
      • विद्यापति >
        • कंटक माझ कुसुम परगास
        • आहे सधि आहे सखि
        • आसक लता लगाओल सजनी
        • आजु दोखिअ सखि बड़
        • अभिनव कोमल सुन्दर पात
        • अभिनव पल्लव बइसंक देल
        • नन्दनक नन्दन कदम्बक
        • बटगमनी
        • माधव ई नहि उचित विचार
      • कीर्ति नारायण मिश्र >
        • अकाल
      • मधुकर गंगाधर >
        • स्तिथि
        • दू टा कविता
        • प्रार्थना
        • मीत
        • जिनगी
      • महाप्रकाश >
        • जूता हमर माथ पर सवार अछि
      • हरिवंशराय बच्चन >
        • आ रही रवि की सवारी
        • है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
        • अग्निपथ
        • क्या भूलूं क्या याद करूँ मैं
        • यात्रा और यात्री
        • मधुशाला -1 >
          • 2
          • 3
          • 4
          • 5
          • 6
          • 7
        • मैं कहाँ पर, रागिनी मेरा कहाँ पर
      • जयशंकर प्रसाद >
        • आत्‍मकथ्‍य
        • आँसू -1 >
          • आँसू-2
          • आँसू-3
          • आँसू-4
          • आँसू-5
          • आँसू-6
        • प्रयाणगीत
        • बीती विभावरी जाग री
      • गजानन माधव मुक्तिबोध >
        • भूल ग़लती
        • पता नहीं...
        • ब्रह्मराक्षस
        • लकड़ी का रावण
        • चांद का मुँह टेढ़ा है
        • डूबता चांद कब डूबेगा
        • एक भूतपूर्व विद्रोही का आत्म-कथन
        • मुझे पुकारती हुई पुकार
        • मुझे क़दम-क़दम पर
        • मुझे याद आते हैं
        • मुझे मालूम नहीं
        • एक अरूप शून्य के प्रति
        • शून्य
        • मृत्यु और कवि
        • विचार आते हैं
      • अली सरदार जाफ़री >
        • मेरा सफ़र >
          • तरान-ए-उर्दू
          • हाथों का तराना
          • अवध की ख़ाके-हसीं
          • पत्थर की दीवार
          • लम्हों के चिराग़
        • एलान-ए-जंग
        • मेरा सफ़र.
        • वेद-ए-मुक़द्दस
      • गजेन्द्र ठाकुर >
        • धांगि बाट बनेबाक दाम अगूबार पेने छेँ
        • डिस्कवरी ऑफ मिथिला
      • पंकज पराशर >
        • आख़िरी सफ़र पर निकलने तक
        • पुरस्कारोत्सुकी आत्माएँ
        • बऊ बाज़ार
        • रात्रि से रात्रि तक
        • मरण जल
        • हस्त चिन्ह
      • मनीष सौरभ >
        • शाम, तन्हाई और कुछ ख्याल
        • सखी ये दुर्लभ गान तुम्हारा
        • मैं अभी हारा नही हू
        • क्या तुम् मेरे जैसी हो
      • जयप्रकाश मानस >
        • पता नहीं
        • मृत्यु के बाद
        • जाने से पहले
        • ऊहापोह
        • ख़ुशगवार मौसम
        • जब कभी हो ज़िक्र मेरा
        • लोग मिलते गये काफ़िला बढ़ता गया
        • आयेगा कोई भगीरथ
        • प्रायश्चित
        • अशेष
      • केदारनाथ अग्रवाल >
        • तुम भी कुछ हो
        • समुद्र वह है
        • वह चिड़िया जो
        • पूंजीवादी व्यवस्था
        • अन्धकार में खड़े हैं
        • प्रक्रति चित्र
        • मार्क्सवाद की रोशनी
        • वह पठार जो जड़ बीहड़ था
        • लिपट गयी जो धूल
        • आवरण के भीतर
        • काल बंधा है
        • कंकरीला मैदान
        • गई बिजली
        • पाँव हैं पाँव
        • बुलंद है हौसला
        • बूढ़ा पेड़
        • आओ बैठो
        • आदमी की तरह
        • एक हथौड़े वाला घर में और हुआ!
        • घर के बाहर
        • दुख ने मुझको
        • पहला पानी
        • बैठा हूँ इस केन किनारे
        • वह उदास दिन
        • हे मेरी तुम
        • वसंती हवा
        • लघुदीप
        • एक खिले फूल से
      • डॉ.धर्मवीर भारती >
        • अँधा युग
      • सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला >
        • सरोज स्मृति
        • कुकुरमुत्ता
        • राम की शक्ति पूजा
        • तोड़ती पत्थर
      • कालीकांत झा "बूच" >
        • सरस्वती वंदना
        • गीत
        • आउ हमर हे राम प्रवासी
        • गौरी रहथु कुमारी
        • कपीश वंदना
      • जगदीश प्रसाद मण्‍डल >
        • एकैसम सदीक देश
        • मन-मणि
        • जरनबि‍छनी
        • गीत- १
        • गीत-२
      • वंदना नागर उप्पल >
        • रूह......
        • आखरी पल
        • जरा
        • शान
      • प्रियंका भसीन >
        • परिचय
  • उपन्यास
    • मायानंद मिश्र >
      • भारतीय परम्पराक भूमिका >
        • सुर्यपुत्रिक जन्म
        • भूगोलक मंच पर इतिहासक नृत्य
        • सभ्यताक श्रृंगार :सांस्कृतिक मुस्कान
        • भारतक संधान : इतिहासक चमत्कार
        • भारतमे इतिहासक संकल्पना
        • भारतीय इतिहासक किछु तिथि संकेत
        • भारतीय समाज : चतुर पंच
        • भारतीय आस्थाक रूप : विष्वासक रंग
        • पूर्वोत्तरक तीन संस्कृति - कौसल,विदेह,मगध
      • मंत्रपुत्र >
        • प्रथम मंडल
        • द्वितीय मण्डल
        • तृतीय मंडल
        • चतुर्थ मण्डल
        • पंचम मंडल
        • षष्ठ मण्डल
        • सप्तम मंडल
        • अष्टम मण्डल
        • नवम मंडल
        • दशम मंडल
        • उपसंहार
    • मुंशी प्रेमचन्द >
      • निर्मला >
        • निर्मला -1
        • निर्मला -2
        • निर्मला -3
        • निर्मला - 4
        • निर्मला - 5
        • निर्मला -6
        • निर्मला -7
        • निर्मला -8
      • नमक का दारोगा
      • ईदगाह
      • कफ़न
      • पंच परमेश्वर
      • बड़े घर की बेटी
      • ठाकुर का कुआँ
      • शूद्रा
      • पूस की रात
      • झाँकी
      • त्रिया-चरित्र
    • असगर वजाहत >
      • मन-माटी
      • ज़ख्म
    • वंदना नागर उप्पल >
      • अधुरा प्रेम-वंदना नागर उप्पल
  • योगदान कैसे करें
  • फोटो गैलेरी
  • आर्ट गैलेरी
  • वीडियो
  • संपर्क
  • ब्लॉग
  • वेब लिंक्स
  • सन्देश

आँसू

इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में
वेदना असीम गरजती?
 
मानस सागर के तट पर
क्यों लोल लहर की घातें
कल कल ध्वनि से हैं कहती
कुछ विस्मृत बीती बातें?
 
आती हैं शून्य क्षितिज से
क्यों लौट प्रतिध्वनि मेरी
टकराती बिलखाती-सी
पगली-सी देती फेरी?
 
क्यों व्यथित व्योम गंगा-सी
छिटका कर दोनों छोरें
चेतना तरंगिनी मेरी
लेती हैं मृदल हिलोरें?
 
बस गयी एक बस्ती हैं
स्मृतियों की इसी हृदय में
नक्षत्र लोक फैला है
जैसे इस नील निलय में।
 
ये सब स्फुलिंग हैं मेरी
इस ज्वालामयी जलन के
कुछ शेष चिह्न हैं केवल
मेरे उस महा मिलन के।
 
शीतल ज्वाला जलती हैं
ईधन होता दृग जल का
यह व्यर्थ साँस चल-चल कर
करती हैं काम अनिल का।
 
बाड़व ज्वाला सोती थी
इस प्रणय सिन्धु के तल में
प्यासी मछली-सी आँखें
थी विकल रूप के जल में।
 
बुलबुले सिन्धु के फूटे
नक्षत्र मालिका टूटी
नभ मुक्त कुन्तला धरणी
दिखलाई देती लूटी।
 
छिल-छिल कर छाले फोड़े
मल-मल कर मृदुल चरण से
धुल-धुल कर बह रह जाते
आँसू करुणा के कण से।
 
इस विकल वेदना को ले
किसने सुख को ललकारा
वह एक अबोध अकिंचन
बेसुध चैतन्य हमारा।
 
अभिलाषाओं की करवट
फिर सुप्त व्यथा का जगना
सुख का सपना हो जाना
भींगी पलकों का लगना।
 
इस हृदय कमल का घिरना
अलि अलकों की उलझन में
आँसू मरन्द का गिरना
मिलना निश्वास पवन में।
 
मादक थी मोहमयी थी
मन बहलाने की क्रीड़ा
अब हृदय हिला देती है
वह मधुर प्रेम की पीड़ा।
 
सुख आहत शान्त उमंगें
बेगार साँस ढोने में
यह हृदय समाधि बना हैं
रोती करुणा कोने में।
 
चातक की चकित पुकारें
श्यामा ध्वनि सरल रसीली
मेरी करुणार्द्र कथा की
टुकड़ी आँसू से गीली।
 
अवकाश भला हैं किसको,
सुनने को करुण कथाएँ
बेसुध जो अपने सुख से
जिनकी हैं सुप्त व्यथाएँ
 
जीवन की जटिल समस्या
हैं बढ़ी जटा-सी कैसी
उड़ती हैं धूल हृदय में
किसकी विभूति हैं ऐसी?
 
जो घनीभूत पीड़ा थी
मस्तक में स्मृति-सी छायी
दुर्दिन में आँसू बनकर
वह आज बरसने आयी।
 
मेरे क्रन्दन में बजती
क्या वीणा, जो सुनते हो
धागों से इन आँसू के
निज करुणापट बुनते हो।
 
रो-रोकर सिसक-सिसक कर
कहता मैं करुण कहानी
तुम सुमन नोचते सुनते
करते जानी अनजानी।
 
मैं बल खाता जाता था
मोहित बेसुध बलिहारी
अन्तर के तार खिंचे थे
तीखी थी तान हमारी
 
झंझा झकोर गर्जन था
बिजली थी सी नीरदमाला,
पाकर इस शून्य हृदय को
सबने आ डेरा डाला।
 
घिर जाती प्रलय घटाएँ
कुटिया पर आकर मेरी
तम चूर्ण बरस जाता था
छा जाती अधिक अँधेरी।
 
बिजली माला पहने फिर
मुसक्याता था आँगन में
हाँ, कौन बरस जाता था
रस बूँद हमारे मन में?
 
तुम सत्य रहे चिर सुन्दर!
मेरे इस मिथ्या जग के
थे केवल जीवन संगी
कल्याण कलित इस मग के।
 
कितनी निर्जन रजनी में
तारों के दीप जलाये
स्वर्गंगा की धारा में
उज्जवल उपहार चढायें।
 
गौरव था , नीचे आये
प्रियतम मिलने को मेरे
मै इठला उठा अकिंचन
देखे ज्यों स्वप्न सवेरे।
 
मधु राका मुसक्याती थी
पहले देखा जब तुमको
परिचित से जाने कब के
तुम लगे उसी क्षण हमको।
 
परिचय राका जलनिधि का
जैसे होता हिमकर से
ऊपर से किरणें आती
मिलती हैं गले लहर से।
 
मै अपलक इन नयनों से
निरखा करता उस छवि को
प्रतिभा डाली भर लाता
कर देता दान सुकवि को।
 
निर्झर-सा झिर झिर करता
माधवी कुंज छाया में
चेतना बही जाती थी
हो मन्त्र मुग्ध माया में।
 
पतझड़ था, झाड़ खड़े थे
सूखी-सी फूलवारी में
किसलय नव कुसुम बिछा कर
आये तुम इस क्यारी में।
 
शशि मुख पर घूँघट डाले
अंचल में चपल चमक-सी
आँखों मे काली पुतली
पुतली में श्याम झलक-सी।


Powered by Create your own unique website with customizable templates.
  • होम
  • हमारे बारे में
  • रचनाएँ
    • कवियों की सूची >
      • रामकृष्ण झा 'किसुन' >
        • मनुक्ख जिबेत अछि
        • जिनगी : चारिटा द्रिष्टिखंड
        • उग रहा सूरज …
        • ‘किसुन जी’ क दृष्टि आ मूल्य-बोध
        • मृत्यु
      • राजकमल चौधरी >
        • प्रवास
        • वयः संधि , द्वितीय पर्व
        • द्रौपदी सँ विरक्ति
        • अर्थ तंत्रक चक्रव्यूह
        • तुम मुझे क्षमा करो
        • पितृ-ऋण
        • जेठ मास का गीत
        • कोशी-किनारे की सांझ
        • राजकमल चौधरी की मैथिली कविताएं : गांव के बार&
      • नंदिनी पाठक >
        • दिल की जमीं
        • अथक प्रयास
        • स्नेह सुगंध
        • स्नेह
        • भीर भावना क़ी
        • प्रकाशित आत्मा
        • नेपथ्य
        • जिन्दगी शहर की
        • छीटे मनोरथ के
        • आसमा से
        • धृष्टता
        • गवाही
        • अग्निदीक्षा
        • उपेक्षा
        • उसड़ संगति
      • आर.सी. प्रसाद सिंह >
        • जीवन
        • तुम्हारी प्रेम-वीणा का अछूता तार
        • जीवन का झरना
        • नए जीवन का गीत
        • चाँद को देखो
      • प्रो. मायानंद मिश्र >
        • आस्था
        • युग वैषम्य
        • हे आबेबला युग
        • मानवता
        • साम्राज्यवाद
      • अनुप्रिया >
        • अकेला बूढा
        • वजूद तुम्हारा
        • एक बार मुस्कुराना
        • डाकिया
        • कौन
        • अधूरा सपना
        • तुम
        • मेरी कहानी
        • प्रेम
        • घर में शब्द
        • उन्मुक्त
        • तुम
        • डायरी
        • देह
        • भगजोगनी
        • बेनाम पते की चिट्ठियां
        • पैबंद लगे सपने
        • माएं
        • बिरवा
        • क्यूँ
        • एक पिता
        • उम्मीद
        • अपने ही विरुद्ध
        • तुम्हारे इंतजार में
        • कौन हो तुम
        • मेरा मन
        • मैं और तुम
        • जाने क्यूँ >
          • अधूरे सवाल
        • अन्धकार
        • सूरज
        • कौन
        • जिन्दगी
        • मेरा अकेलापन
        • मेरी आहटें
        • तुम और मैं
      • जीवकांत >
        • इजोरियामे नमरल आर्द्रांक मेघ
        • सीमा
        • परिवार
        • सौन्दर्य-बोध
      • डा. गंगेश गुंजन >
        • आत्म परिचय : युवा पुरुष
        • अनुपलब्ध
        • पीड़ा
        • बंधु चित्र
        • एक टा कविता
        • गोबरक मूल्य
      • नचिकेता >
        • भूख बँटे पर
        • दरख्तों पर पतझर
        • जेहन में
        • खुले नहीं दरवाज़े
        • किसलय फूटी
        • कमरे का धुआँ
        • उमंगों भरा शीराज़ा
      • नामवर सिंह >
        • दोस्त, देखते हो जो तुम
        • कोजागर
        • पंथ में सांझ
        • धुंधुवाता अलाव
        • विजन गिरिपथ पर चटखती
        • पारदर्शी नील जल में
      • बाबा नागार्जुन >
        • नवतुरिए आबओं आगाँ
        • आन्हर जिन्दगी !
        • मनुपुत्र,दिगंबर
        • छीप पर राहऔ नचैत
        • बीच सड़क पर
        • जी हाँ , लिख रहा हूँ
        • सच न बोलना
        • यह तुम थीं
      • रामदेव झा >
        • मोन
        • निर्जल मेघ
        • फोटोक निगेटिव
        • काल-तुला
      • कुमार मुकुल >
        • सफेद चाक हूं मैं
        • हर चलती चीज
        • सोचना और करना दो क्रियाएं हैं
        • लड़की जीना चाहती है
        • प्‍यार – दो कविताएं
        • गीत
        • मैं हिन्‍दू हूँ
        • महानायक
        • बना लेगी वह अपने मन की हंसी
        • हमें उस पर विश्‍वास है
        • दिल्ली में सुबह
        • ज़िन्दगी का तर्जुमा
        • वॉन गॉग की उर्सुला
        • जो हलाल नहीं होता
        • न्यायदंड
        • मेरे रक्‍त के आईने में
        • पिता
        • समुद्र के ऑसू
        • यतीमों के मुख से छीने गये दूध के साथ…
        • बेचैन सी एक लड़की जब झांकती है मेरी आंखों मे&
        • कि अकाश भी एक पाताल ही है – कथा कविता
        • पूरबा हवा है यह
        • मनोविनोदिनी >
          • मनोविनोदिनी-1
          • मनोविनोदिनी-2
        • कवि रिल्‍के के लिये
        • आफिसिअल समोसों पर पलनेवाले चूहे
        • तुम्‍हारी उदासी के कितने शेड्स हैं विनायक ì
        • मुझे जीवन ऐसा ही चाहिए था…
      • तारानंद वियोगी >
        • ।।बुढबा नेता ।।
        • ।।बेबस जोगी ।।
        • ।।घर ।।
        • ।।कः कालः।।
        • ।।स्त्रीक दुनिञा।।
        • यात्रीजी की वैचारिकता
        • परम्परा आ लेखक – डॉ० तारानन्द वियोगी
        • मृतक-सम्मान
        • ककरा लेल लिखै छी
        • सुग्गा रटलक सीताराम
        • मेरे सीताराम(मैथिली कहानी)
        • नागार्जुन की संस्कृत कविता – तारानन्द विय
        • ।।गोनू झाक गीत।।
        • ।।जाति-धरम के गीत।।
        • ।।भैया जीक गीत।।
        • ।।मदना मायक गीत।।
        • गजल – तारानन्द वियोगी
        • गजल
        • केहन अजूबा काज
        • तारानन्द वियोगीक गजल
        • मैथिली कविता ।। प्रलय-रहस्य ।।
        • ।।प्रलय-रहस्य।।
        • ।।धनक लेल कविक प्रार्थना।।
        • ।।बुद्धक दुख॥
        • ।।गिद्धक पक्ष मे एकटा कविता।।
        • ।।विद्यापतिक डीह पर।।
        • ।।पंचवटी।।
        • ।।घरबे।।
        • ।।रंग।।
        • ।।संभावना।।
        • ।।सिपाही देखैए आमक गाछ।।
        • ।।जै ठां भेटए अहार ।।
        • ।।ककरा लेल लिखै छी ॥
        • ।।स्त्रीक दुनिञा।।
        • ।।घर ।।
      • रामधारी सिंह दिनकर >
        • मिथिला
        • परिचय
        • समर शेष है
        • परशुराम की प्रतीक्षा
        • परशुराम की प्रतीक्षा
        • परशुराम की प्रतीक्षा
        • रश्मिरथी – सप्तम सर्ग
        • रश्मिरथी -पंचम सर्ग
        • रश्मिरथी-चतुर्थ सर्ग
        • रश्मिरथी-तृतीय सर्ग
        • रश्मिरथी-द्वितीय सर्ग
        • रश्मिरथी – प्रथम सर्ग
      • विद्यापति >
        • कंटक माझ कुसुम परगास
        • आहे सधि आहे सखि
        • आसक लता लगाओल सजनी
        • आजु दोखिअ सखि बड़
        • अभिनव कोमल सुन्दर पात
        • अभिनव पल्लव बइसंक देल
        • नन्दनक नन्दन कदम्बक
        • बटगमनी
        • माधव ई नहि उचित विचार
      • कीर्ति नारायण मिश्र >
        • अकाल
      • मधुकर गंगाधर >
        • स्तिथि
        • दू टा कविता
        • प्रार्थना
        • मीत
        • जिनगी
      • महाप्रकाश >
        • जूता हमर माथ पर सवार अछि
      • हरिवंशराय बच्चन >
        • आ रही रवि की सवारी
        • है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है?
        • अग्निपथ
        • क्या भूलूं क्या याद करूँ मैं
        • यात्रा और यात्री
        • मधुशाला -1 >
          • 2
          • 3
          • 4
          • 5
          • 6
          • 7
        • मैं कहाँ पर, रागिनी मेरा कहाँ पर
      • जयशंकर प्रसाद >
        • आत्‍मकथ्‍य
        • आँसू -1 >
          • आँसू-2
          • आँसू-3
          • आँसू-4
          • आँसू-5
          • आँसू-6
        • प्रयाणगीत
        • बीती विभावरी जाग री
      • गजानन माधव मुक्तिबोध >
        • भूल ग़लती
        • पता नहीं...
        • ब्रह्मराक्षस
        • लकड़ी का रावण
        • चांद का मुँह टेढ़ा है
        • डूबता चांद कब डूबेगा
        • एक भूतपूर्व विद्रोही का आत्म-कथन
        • मुझे पुकारती हुई पुकार
        • मुझे क़दम-क़दम पर
        • मुझे याद आते हैं
        • मुझे मालूम नहीं
        • एक अरूप शून्य के प्रति
        • शून्य
        • मृत्यु और कवि
        • विचार आते हैं
      • अली सरदार जाफ़री >
        • मेरा सफ़र >
          • तरान-ए-उर्दू
          • हाथों का तराना
          • अवध की ख़ाके-हसीं
          • पत्थर की दीवार
          • लम्हों के चिराग़
        • एलान-ए-जंग
        • मेरा सफ़र.
        • वेद-ए-मुक़द्दस
      • गजेन्द्र ठाकुर >
        • धांगि बाट बनेबाक दाम अगूबार पेने छेँ
        • डिस्कवरी ऑफ मिथिला
      • पंकज पराशर >
        • आख़िरी सफ़र पर निकलने तक
        • पुरस्कारोत्सुकी आत्माएँ
        • बऊ बाज़ार
        • रात्रि से रात्रि तक
        • मरण जल
        • हस्त चिन्ह
      • मनीष सौरभ >
        • शाम, तन्हाई और कुछ ख्याल
        • सखी ये दुर्लभ गान तुम्हारा
        • मैं अभी हारा नही हू
        • क्या तुम् मेरे जैसी हो
      • जयप्रकाश मानस >
        • पता नहीं
        • मृत्यु के बाद
        • जाने से पहले
        • ऊहापोह
        • ख़ुशगवार मौसम
        • जब कभी हो ज़िक्र मेरा
        • लोग मिलते गये काफ़िला बढ़ता गया
        • आयेगा कोई भगीरथ
        • प्रायश्चित
        • अशेष
      • केदारनाथ अग्रवाल >
        • तुम भी कुछ हो
        • समुद्र वह है
        • वह चिड़िया जो
        • पूंजीवादी व्यवस्था
        • अन्धकार में खड़े हैं
        • प्रक्रति चित्र
        • मार्क्सवाद की रोशनी
        • वह पठार जो जड़ बीहड़ था
        • लिपट गयी जो धूल
        • आवरण के भीतर
        • काल बंधा है
        • कंकरीला मैदान
        • गई बिजली
        • पाँव हैं पाँव
        • बुलंद है हौसला
        • बूढ़ा पेड़
        • आओ बैठो
        • आदमी की तरह
        • एक हथौड़े वाला घर में और हुआ!
        • घर के बाहर
        • दुख ने मुझको
        • पहला पानी
        • बैठा हूँ इस केन किनारे
        • वह उदास दिन
        • हे मेरी तुम
        • वसंती हवा
        • लघुदीप
        • एक खिले फूल से
      • डॉ.धर्मवीर भारती >
        • अँधा युग
      • सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला >
        • सरोज स्मृति
        • कुकुरमुत्ता
        • राम की शक्ति पूजा
        • तोड़ती पत्थर
      • कालीकांत झा "बूच" >
        • सरस्वती वंदना
        • गीत
        • आउ हमर हे राम प्रवासी
        • गौरी रहथु कुमारी
        • कपीश वंदना
      • जगदीश प्रसाद मण्‍डल >
        • एकैसम सदीक देश
        • मन-मणि
        • जरनबि‍छनी
        • गीत- १
        • गीत-२
      • वंदना नागर उप्पल >
        • रूह......
        • आखरी पल
        • जरा
        • शान
      • प्रियंका भसीन >
        • परिचय
  • उपन्यास
    • मायानंद मिश्र >
      • भारतीय परम्पराक भूमिका >
        • सुर्यपुत्रिक जन्म
        • भूगोलक मंच पर इतिहासक नृत्य
        • सभ्यताक श्रृंगार :सांस्कृतिक मुस्कान
        • भारतक संधान : इतिहासक चमत्कार
        • भारतमे इतिहासक संकल्पना
        • भारतीय इतिहासक किछु तिथि संकेत
        • भारतीय समाज : चतुर पंच
        • भारतीय आस्थाक रूप : विष्वासक रंग
        • पूर्वोत्तरक तीन संस्कृति - कौसल,विदेह,मगध
      • मंत्रपुत्र >
        • प्रथम मंडल
        • द्वितीय मण्डल
        • तृतीय मंडल
        • चतुर्थ मण्डल
        • पंचम मंडल
        • षष्ठ मण्डल
        • सप्तम मंडल
        • अष्टम मण्डल
        • नवम मंडल
        • दशम मंडल
        • उपसंहार
    • मुंशी प्रेमचन्द >
      • निर्मला >
        • निर्मला -1
        • निर्मला -2
        • निर्मला -3
        • निर्मला - 4
        • निर्मला - 5
        • निर्मला -6
        • निर्मला -7
        • निर्मला -8
      • नमक का दारोगा
      • ईदगाह
      • कफ़न
      • पंच परमेश्वर
      • बड़े घर की बेटी
      • ठाकुर का कुआँ
      • शूद्रा
      • पूस की रात
      • झाँकी
      • त्रिया-चरित्र
    • असगर वजाहत >
      • मन-माटी
      • ज़ख्म
    • वंदना नागर उप्पल >
      • अधुरा प्रेम-वंदना नागर उप्पल
  • योगदान कैसे करें
  • फोटो गैलेरी
  • आर्ट गैलेरी
  • वीडियो
  • संपर्क
  • ब्लॉग
  • वेब लिंक्स
  • सन्देश