।।बुद्धक दुख॥
पैंतीस बरख पर घुरलाह अछि बुद्ध
रहलाह एहि बीच पटना संग्रहालयक कारागार मे
पैंतीस बरख पहिने मनुआं धार मे बासा छलनि
आब बसै छथि कारू संग्रहालयक धमनभट्ठी मे
देह लगा क’ टांगल छनि साइनबोर्ड
जे ओ मनुआं धार सं बरामद भेलाह
संस्कृति,
जाहि मे झुमका बरामद होइत हो
दुमका मे
आ कनबाली
काशी मे
बुद्ध बरामद होथि मनुआं धार मे
कोन आश्चर्य?
तरह-तरहें लोक व्यक्त क’ जाइए अपन ओछपन
आ बुद्ध आंखि मुनने
निश्चेष्ट बैसल रहैत छथि।
बुद्ध कें एखन
आर बहुत दुख भोगबाक छनि, बुझाइए
पंडित-पंडा लोकनि केलनि अछि प्रयास
बुद्ध फेर सं मनुआं नदी-तट पहुचथि।
ओ सब महामान्य लोकनि कें क’ रहल छथि प्रभावित
ब्राह्मण-ब्राह्मणक दैत दोहाइ।
मनुआं-कात मे पहिने बनतनि मन्दिर
जतए बुद्ध कालभैरव वा शीतला माइ
कहा क’ पूजल जेताह।
जहिया कहियो फेर कएले उद्घाटन कें
पुनः उद्घाटित करै जेताह इतिहासकार लोकनि
जे ओ शीतला माइ नहि गौतम बुद्ध थिकाह,
एक बेर फेर मनुआं धार मे गोडल जेताह बुद्ध।
जानि नहि फेर कहिया
बहरेताह मनुआं धारक शयनालय सं
आ फेर पहुंचताह कहिया पटना संग्रहालयक कारागार ?
रहलाह एहि बीच पटना संग्रहालयक कारागार मे
पैंतीस बरख पहिने मनुआं धार मे बासा छलनि
आब बसै छथि कारू संग्रहालयक धमनभट्ठी मे
देह लगा क’ टांगल छनि साइनबोर्ड
जे ओ मनुआं धार सं बरामद भेलाह
संस्कृति,
जाहि मे झुमका बरामद होइत हो
दुमका मे
आ कनबाली
काशी मे
बुद्ध बरामद होथि मनुआं धार मे
कोन आश्चर्य?
तरह-तरहें लोक व्यक्त क’ जाइए अपन ओछपन
आ बुद्ध आंखि मुनने
निश्चेष्ट बैसल रहैत छथि।
बुद्ध कें एखन
आर बहुत दुख भोगबाक छनि, बुझाइए
पंडित-पंडा लोकनि केलनि अछि प्रयास
बुद्ध फेर सं मनुआं नदी-तट पहुचथि।
ओ सब महामान्य लोकनि कें क’ रहल छथि प्रभावित
ब्राह्मण-ब्राह्मणक दैत दोहाइ।
मनुआं-कात मे पहिने बनतनि मन्दिर
जतए बुद्ध कालभैरव वा शीतला माइ
कहा क’ पूजल जेताह।
जहिया कहियो फेर कएले उद्घाटन कें
पुनः उद्घाटित करै जेताह इतिहासकार लोकनि
जे ओ शीतला माइ नहि गौतम बुद्ध थिकाह,
एक बेर फेर मनुआं धार मे गोडल जेताह बुद्ध।
जानि नहि फेर कहिया
बहरेताह मनुआं धारक शयनालय सं
आ फेर पहुंचताह कहिया पटना संग्रहालयक कारागार ?