जरनबिछनी
जरनबिछनी, जिनगी बूझि
हथियार संग रणभूमि चलैत।
गाछी-बिरछी ओ बँसबिट्टी
ठहुरी-कड़ची बीछि-बीछि रखैत।
साँप-कीड़ाक डर कहाँ छै
वोन-झाड़ हाथ बढ़बै छै।
काँच-सुखल बेड़ा-बेड़ा
सजि-सजि पथिया रखै छै।
बिसरि गेल कहिया कतए
नुआ होइ-छै नांगट बचाएब।
सिहकल, मसकल फटल मैल
चेफड़ी सटल इज्जत बचबैत।
जहिना लोहिया ओढ़ि-ओढ़ि
जुग बितौलनि लोमस बाबा।
चोंचा खोंता सिर सजि तूँ
मुँह छिड़अबै छै मकइक लाबा।
कनी सुन गै जरनबिछनी
नाओं-ठेकान बतौने जो?
स्वतंत्र देशमे तहूँ बसै छेँ
से कनी-मनी कहने जो।
तोरो देश स्वतंत्र भेलौ
आकि भेलौ स्वतंत्र पुरखा।
देवी-दुर्गा कोइ ने देखलकौ
से कनी कहने जो।
हथियार संग रणभूमि चलैत।
गाछी-बिरछी ओ बँसबिट्टी
ठहुरी-कड़ची बीछि-बीछि रखैत।
साँप-कीड़ाक डर कहाँ छै
वोन-झाड़ हाथ बढ़बै छै।
काँच-सुखल बेड़ा-बेड़ा
सजि-सजि पथिया रखै छै।
बिसरि गेल कहिया कतए
नुआ होइ-छै नांगट बचाएब।
सिहकल, मसकल फटल मैल
चेफड़ी सटल इज्जत बचबैत।
जहिना लोहिया ओढ़ि-ओढ़ि
जुग बितौलनि लोमस बाबा।
चोंचा खोंता सिर सजि तूँ
मुँह छिड़अबै छै मकइक लाबा।
कनी सुन गै जरनबिछनी
नाओं-ठेकान बतौने जो?
स्वतंत्र देशमे तहूँ बसै छेँ
से कनी-मनी कहने जो।
तोरो देश स्वतंत्र भेलौ
आकि भेलौ स्वतंत्र पुरखा।
देवी-दुर्गा कोइ ने देखलकौ
से कनी कहने जो।