लोग मिलते गये काफ़िला बढ़ता गया
अनदेखे ठिकाने के लिए
डेरा उसालकर जाने से पहले
समेटना है कुछ गुनगुनाते झूमते गाते
आदिवासी पेड़
पेड़ की समुद्री छाँव
छाँव में सुस्ताते
कुछ अपने जैसे ही लोग
लोगों की उजली आँखें
आँखों में गाढ़ी नींद
नींद में मीठे सपने
सपनों में, सफ़र में
जुड़ते हुए कुछ रोचक लोग
डेरा उसालकर जाने से पहले
समेटना है कुछ गुनगुनाते झूमते गाते
आदिवासी पेड़
पेड़ की समुद्री छाँव
छाँव में सुस्ताते
कुछ अपने जैसे ही लोग
लोगों की उजली आँखें
आँखों में गाढ़ी नींद
नींद में मीठे सपने
सपनों में, सफ़र में
जुड़ते हुए कुछ रोचक लोग