मनुक्ख जिबेत अछि
के कहलक जे मनुक्ख मरि गेल ?
ई कथन फूसि थिक
ओ जीबैत अछि
जीबैत रहैत अछि
मृत्युक तमित्रा जीवनक सूर्यकें
प्रतिदिन मरियोकऽ असफल रहैत अछि
सभ दिन भोरकें
अन्धकार चीरि कऽ
होइत अछि असंदिग्ध
ज्योतिक विस्फोट
ऐतिहासिक सत्यथिक
जिनगीक चोट |
मनुक्ख थिक सत्य
मनुक्ख थिक…. शिव सुंदर
मनुक्ख थिक तथ्य
तैं ओकर शिल्प,ओकर सृष्टी
गद्य,पद्य ,चित्र आदि रचना समष्टि
पॉइंट आफ आर्डर
फ़ाइल परक नोट
जुलूस महक नारा
चुनाव कालक वोट
इजलासपरक जजमेंट
दस्तावेजक ड्राफ्ट
बाप-पित्ती,बहु-बेटी
सभकें लिखल पत्र
एक-एक शब्द
अर्थ
एक-एक अक्षर
रुदन-हास्य-गानकेर
एक-एक स्वर
समाज आ कि व्यक्ति
चाहे हो अस्वीकृति
खाहे स्वीकार
बनि गेल सर्व जनीन
विस्वक संपत्ति
जिनगीक आगि में
मृत्यु जरी गेल
के कहलक जे मनुक्ख मरि गेल?
(ई कविता ‘राजकमल’ क जीवनकाल में लिखने छलहुं आ आब राजकमलक स्मृतिकें समर्पित अछी)
ई कथन फूसि थिक
ओ जीबैत अछि
जीबैत रहैत अछि
मृत्युक तमित्रा जीवनक सूर्यकें
प्रतिदिन मरियोकऽ असफल रहैत अछि
सभ दिन भोरकें
अन्धकार चीरि कऽ
होइत अछि असंदिग्ध
ज्योतिक विस्फोट
ऐतिहासिक सत्यथिक
जिनगीक चोट |
मनुक्ख थिक सत्य
मनुक्ख थिक…. शिव सुंदर
मनुक्ख थिक तथ्य
तैं ओकर शिल्प,ओकर सृष्टी
गद्य,पद्य ,चित्र आदि रचना समष्टि
पॉइंट आफ आर्डर
फ़ाइल परक नोट
जुलूस महक नारा
चुनाव कालक वोट
इजलासपरक जजमेंट
दस्तावेजक ड्राफ्ट
बाप-पित्ती,बहु-बेटी
सभकें लिखल पत्र
एक-एक शब्द
अर्थ
एक-एक अक्षर
रुदन-हास्य-गानकेर
एक-एक स्वर
समाज आ कि व्यक्ति
चाहे हो अस्वीकृति
खाहे स्वीकार
बनि गेल सर्व जनीन
विस्वक संपत्ति
जिनगीक आगि में
मृत्यु जरी गेल
के कहलक जे मनुक्ख मरि गेल?
(ई कविता ‘राजकमल’ क जीवनकाल में लिखने छलहुं आ आब राजकमलक स्मृतिकें समर्पित अछी)