परिचय
नाम – श्री बैद्यनाथ मिश्र
ख्यातनाम – “नागार्जुन” (हिंदी संसारमे ) आ’ “यात्री” (मैथिलि जगत मे)
जन्म -१९११ ई.
पैत्रिक वासभूमि - तरौनी (सकरी) जिला -दरभंगा
शिक्षा - मुख्यतः संस्कृत एवं पालिक माध्यमसँ व्याकरण,साहित्य आ दर्शनक (तरौनी ,महिषी,सतलखा -मातृक,गोनौली ,पंचगछिया,काशी,कलकत्ता एवं केलानिया-कोलोम्बो ) |
प्रकाशित रचना - ” नागार्जुन” नामे पुस्तकाकार- युगधारा ,शपथ ,प्रेत का बयान,खून और शोले ,चना जोर गरम(काव्य संकलन ) रतिनाथ चाची, बलचनमा ,नई पौध, बाबा बटेसर नाथ ,वरुण के बेटे ,दुखमोचन(उपन्यास) हिंदी में |
यात्री नामे पुस्तकाकार – चित्रा,पत्रहीन नग्न गाछ(काव्य संकलन),पारो,नवतुरिया,बलचनमा (उपन्यास) मैथिलिमें |
संस्कृतमे -देशदसकम आदि तथा सिंहली लिपि में धर्मालोक शतकम प्रकाशित |
देशक प्रायः हिंदी आ मैथिलिक समस्त प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकामें कथा,कविता,संस्मरण,व्यंग,एकांकी आदि प्रकाशित |
रचनाक माध्यम – हिंदी,मैथिलि,पाली,संस्कृत, सिंहली,आदि |
विशेष तथाकथित प्रगतिवाद तथा आधुनिक नव कविताक संधिस्थल पर जनिक रचना नवीन भावभूमिक आरम्भ सूचक मानल जाईछ |
ख्यातनाम – “नागार्जुन” (हिंदी संसारमे ) आ’ “यात्री” (मैथिलि जगत मे)
जन्म -१९११ ई.
पैत्रिक वासभूमि - तरौनी (सकरी) जिला -दरभंगा
शिक्षा - मुख्यतः संस्कृत एवं पालिक माध्यमसँ व्याकरण,साहित्य आ दर्शनक (तरौनी ,महिषी,सतलखा -मातृक,गोनौली ,पंचगछिया,काशी,कलकत्ता एवं केलानिया-कोलोम्बो ) |
प्रकाशित रचना - ” नागार्जुन” नामे पुस्तकाकार- युगधारा ,शपथ ,प्रेत का बयान,खून और शोले ,चना जोर गरम(काव्य संकलन ) रतिनाथ चाची, बलचनमा ,नई पौध, बाबा बटेसर नाथ ,वरुण के बेटे ,दुखमोचन(उपन्यास) हिंदी में |
यात्री नामे पुस्तकाकार – चित्रा,पत्रहीन नग्न गाछ(काव्य संकलन),पारो,नवतुरिया,बलचनमा (उपन्यास) मैथिलिमें |
संस्कृतमे -देशदसकम आदि तथा सिंहली लिपि में धर्मालोक शतकम प्रकाशित |
देशक प्रायः हिंदी आ मैथिलिक समस्त प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकामें कथा,कविता,संस्मरण,व्यंग,एकांकी आदि प्रकाशित |
रचनाक माध्यम – हिंदी,मैथिलि,पाली,संस्कृत, सिंहली,आदि |
विशेष तथाकथित प्रगतिवाद तथा आधुनिक नव कविताक संधिस्थल पर जनिक रचना नवीन भावभूमिक आरम्भ सूचक मानल जाईछ |